Taruna Sharma

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श्रृंगार मुहब्बत का

सादगी से अनमोल और कोई श्रृंगारिक गहना नहीं

 देख लेना पाश्चतय संस्कृति रूपी सोलह श्रृंगार से
 सजा कर ख़ुद को, फीका है हर श्रृंगार हमारी भारतीय 
संस्कृति रूपी श्रृंगार के आगे, सिर पर रखा सादगी रूपी 
दुपट्टा हम नारियों की श्रृंगारिता में चार चांद लगा जाता है, 
भारतीय वेशभूषा के आगे फीकी है हर पाश्चतय वेशभूषा, 
 जो समझते है सादगी के दुपट्टे के ओढ़ने को अनपढ़ता 
वही हमारे भारतीय संस्कृति की नारी के संस्कार की 
अनमोलता की पहचान,   
न हो जाये मुहब्बत भारतीय श्रृंगार से तो कहना ये तरूणा 
अपने अल्फाज़ों में बयां करती है। 

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2 Comments

पवन पुत्र

19-Apr-2021 05:09 PM

its reality

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OMESHWAR PATHAK

14-Apr-2021 09:17 AM

bahut suner

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